Hindi News 18 :- भारतीय मौसम विभाग ने मानसून को लेकर अच्छी खबर साझा की है। आईएमडी महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने सोमवार को बताया कि इस साल जून से सितंबर तक मानसून सामान्य से बेहतर रहेगा। जो कि देश की किसानों के लिए अछी खबर है।
मौसम विभाग ने मानसून को लेकर भविष्यवाणी करते हुए कहा है कि इस साल मानसूनी सीजन में जमकर बादल बरसेंगे और देशभर में औसतन 87 सेंटीमीटर बारिश होगी।
IMD महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि 1951 से 2023 तक के आंकड़ों से पता चलता है कि भारत में नौ मौकों पर उस दौरान सामान्य से अधिक मानसूनी बारिश हुई, जब ला नीना के बाद अल नीनो की स्थिति बनी। उन्होंने 15 अप्रैल को इस साल के दक्षिण-पश्चिम मानसून का पहला पूर्वानुमान जारी किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि 1971 से 2020 तक वर्षा के आंकड़ों के अनुसार हमने नया दीर्घकालिक औसत और सामान्य पूर्वानुमान पेश किया है। इस सामान्य के अनुसार 1 जून से 30 सितंबर तक पूरे देश की कुल वर्षा का औसत 87 सेमी होगा।
दक्षिण-पश्चिम मानसून का दीर्घकालीन पूर्वानुमान जताते हुए मौसम विभाग ने बताया कि मानूसन मौसम (जून से सितंबर) में सामान्य से अधिक यानी 106% से ज्यादा बारिश होने का अनुमान है। मौसम विभाग के अनुसार 2024 में 106 फीसदी यानी 87 सेंटीमीटर बारिश हो सकती है।
हालिया वक्त में भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र में मध्यम अल नीनो की स्थिति बनी हुई है। मौसम विभाग ने कहा कि नवीनतम मानसून मिशन जलवायु पूर्वानुमान प्रणाली के साथ-साथ अन्य जलवायु मॉडल पूर्वानुमानों से संकेत मिलता है कि मानसून के मौसम के शुरुआती भाग के दौरान एल नीनो की स्थिति तटस्थ एल नीनो दक्षिणी दोलन (ईएनएसओ) की स्थिति में और कमजोर होने की संभावना है।
केरल से शुरू होता है मानसून
भारत में आमतौर पर मानसून 1 जून के आसपास केरल के रास्ते दाखिल होता है, जो कि 4 महीने (जून से सितंबर) की बारिश के बाद सितंबर के लास्ट में राजस्थान के रास्ते वापसी करता है।
मई महीने के लास्ट में जारी होगा मानसून अपडेट
इसी के साथ मौसम विभाग ने यह भी कहा कि वह मई के आखिरी हफ्ते में मानसून सीजन के लिए अपडेट वर्षा पूर्वानुमान जारी करेगा। मालूम हो कि दक्षिण-पश्चिम मानसून भारत की वार्षिक वर्षा का लगभग 70 प्रतिशत प्रदान करता है, जो कृषि क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है। देश की जीडीपी में कृषि का योगदान लगभग 14 प्रतिशत है।