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भाजपा हाई कमान पंजाब का नया गवर्नर बना सकता है।
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल अपने विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। वह करनाल विधानसभा सीट से विधायक थे। सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि उन्हें भाजपा हाई कमान पंजाब का नया गवर्नर बना सकता है। मनोहर लाल विधायक रहते राज्यपाल नहीं बन सकते थे, इसलिए उन्होंने इस्तीफा दिया है। अगर भाजपा ने यह दांव खेला तो इस से पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार की टेंशन बढ़ जाएगी। अभी पंजाब के गवर्नर बनवारी लाल पुरोहित हैं। पुरोहित और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की तनातनी लंबे समय से ही चली आ रही है।
अब अगर मनोहर लाल को यह जिम्मेदारी मिली तो वह पंजाब के गवर्नर के रूप में चंडीगढ़ के साथ हरियाणा पर भी नजर रखेंगे। बता दें कि पंजाब के गवर्नर एवं चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित ने 2 फरवरी को इस्तीफा दे दिया था। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को भेजे अपने इस्तीफा पत्र में उन्होंने पद छोड़ने का कारण निजी बताया था। लेकिन राज्यपाल का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया था। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि पुरोहित का इस्तीफा स्वीकार न करना भाजपा के हरियाणा में उलटफेर के गेम प्लान का हिस्सा था।
हालांकि उन्होंने इसको लेकर बयान जारी कर पुरोहित ने कहा था कि इस्तीफा देना पूरी तरह से व्यक्तिगत था। उन्होंने कहा था कि उन्हें रुकने और अपना काम जारी रखने के लिए कहा गया था। बनवारी लाल पुरोहित ने अगस्त 2021 को पंजाब के गवर्नर का पद संभाला था। बता दें कि मनोहर लाल खट्टर ने हरियाणा के मुख्यमंत्री का पद करीब साढ़े 9 साल तक संभाला और उसके बाद मंगलवार को अचानक ही इस्तीफा दे दिया। इसके साथ ही हरियाणा में जननायक जनता पार्टी को गठबंधन से बाहर कर दिया गया। अब भाजपा निर्दलीय विधायकों के साथ मिलकर सरकार चला रही है। 90 सदस्यों वाली विधानसभा में उसे 48 का समर्थन हासिल है। फ्लोर टेस्ट में भी आज सरकार ने बहुमत साबित कर दिया।
करनाल लोकसभा सीट पर मनोहर लाल को खड़ा करके बीजेपी को एकसाथ कई फायदे होंगे|
हरियाणा की राजनीति में मची हलचल से करनाल लोकसभा सीट अचानक सुर्खियों में आ गई| पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल को बीजेपी करनाल लोकसभा से पार्टी प्रत्याशी घोषित कर सकती है| चर्चा है कि भारतीय जनता पार्टी मनोहर लाल खट्टर को प्रदेश की राजनीति से निकालकर करनाल सीट के माध्यम से देश की राजनीति में एंट्री कराएगी| हरियाणा में लोकसभा की 10 सीट हैं और सभी 10 सीटों पर बीजेपी का कब्जा है| इस बार के लोकसभा चुनावों में बीजेपी और जननायक जनता पार्टी-जेजेपी के बीच सीटों बंटवारे को लेकर नहीं बनी| इस तरह पिछले साढ़े चार सालों से चली आ रही गठबंधन सरकार टूट गई| हरियाणा में नायब सैनी नए मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं| नायब सैनी कुरुक्षेत्र से सांसद और प्रदेश पार्टी अध्यक्ष हैं|
करनाल लोकसभा सीट
हरियाणा की करनाल लोकसभा सीट बीजेपी का मजबूत गढ़ मानी जाती है| वर्तमान में संजय भाटिया यहां से सांसद हैं| वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में संजय भाटिया ने कांग्रेस के कुलदीप शर्मा को रिकॉर्ड अंतर से हराया था| संजय भाटिया को कुल 9|11 लाख वोट मिले थे जबकि कुलदीप शर्मा 2|55 लाख वोट लेकर दूसरे स्थान पर थे| वर्ष 2014 के चुनाव की बात करें तो इसमें बीजेपी के अश्विनी कुमार चोपड़ा को 5|94 लाख वोट मिले थे| 2009 के चुनाव में करनाट सीट कांग्रेस के अरविंद कुमार शर्मा के पास थी|
करनाल में विधानसभा की 9 सीटें हैं| 9 में से पांच पर बीजेपी का कब्जा है| मनोहर लाल खट्टर खुद भी करनाल से विधायक हैं| नीलोखेड़ी (एससी), इंद्री, घरौंडा, असंध, पानीपत ग्रामीण, पानीपत शहरी, इसराना (एससी) और समालखा यहां की प्रमुख सीटें हैं| नीलोखेड़ी से धर्मपाल निर्दलीय विधायक हैं| असंध सीट कांग्रेस के समशेर सिंह, इसराना पर कांग्रेस के बलवीर सिंह और समालखा से धर्म सिंह कांग्रेस के टिकट पर विधायक हैं|
करनाल सीट ब्राह्मण और पंजाबी बाहुल्य इलाका है| बीजेपी यहां से मनोहर लाल को चुनावी समर में उतारकर एक तीर से कई निशाने साध रही है| बीजेपी हरियाणा में गैर जाट राजनीति की अगुवा बन रही है| चूंकि मनोहर लाल पंजाबी समुदाय से हैं और लगातार साढ़े 9 साल से सूबे के मुखिया रहे हैं| मनोहर लाल की जाति और राजनीतिक छवि, दोनों का बीजेपी को इस सीट पर लाभ मिलेगा| साथ ही ओबीसी वोट को हासिल करने के लिए बीजेपी ने नायब सैनी को मुख्यमंत्री बनाकर नया संदेश देने की कोशिश की है| कुल मिलाकर हरियाणा से बीजेपी कांग्रेस और जाट राजनीति को पूरी तरह से खत्म कर देना चाहती है|