Hindi News 18 :- चैत्र अमावस्या पर साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। 08 अप्रैल अमावस्या तिथि पर यह सूर्य ग्रहण लंबा चलेगा, जो करीब 5 घंटे और 25 मिनट का होगा। साल के पहले सूर्य ग्रहण पर कई तरह के दुर्लभ योग भी बनेगा। यह सूर्य ग्रहण चैत्र माह का अमावस्या तिथि को मीन राशि और रेवती नक्षत्र में घटित होगा।सूर्य ग्रहण पर दुर्लभ संयोग 54 साल बाद, जानिए इसका भौमिक असर –
दुर्लभ संयोग में साल का पहला सूर्य ग्रहण
– 54 साल बाद 08 अप्रैल को लगने वाला सूर्य ग्रहण एक साथ कई दुर्लभ संयोग लेकर आने वाला है।
– 08 अप्रैल को लगने वाला यह सूर्य ग्रहण 50 वर्षों बाद सबसे लंबा सूर्य ग्रहण होगा। यह ग्रहण करीब 5 घंटे और 25 मिनट तक चलेगा।
– यह एक पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा। 54 वर्षों बाद इस तरह का संयोग बन रहा है। इसके पहले ऐसा संयोग 1970 में बना था।
– 08 अप्रैल को जब सूर्य ग्रहण लगेगा तब इस दौरान कुछ समय के लिए पृथ्वी पर अंधेरा छा जाएगा। यानी ग्रहण में सूर्य पूरी तरह से गायब हो जाएगा। इसके चलते दिन अंधेरा हो जाएगा।
– इस सूर्य ग्रहण के दौरान धूमकेतु तारा भी साफ नजर आएगा।
– दुनिया के जिन-जिन हिस्सों में यह सूर्य ग्रहण लगेगा वहां सौर मंडल में मौजूद शुक्र और गुरु भी देखे जा सकेगा।
सूर्य ग्रहण कब होगा शुरू
08 अप्रैल को साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। यह ग्रहण भारतीय समय के अनुसार रात 09 बजकर 12 मिनट से शुरू होगा जो आधी रात को 02 बजकर 22 मिनट तक चलेगा।
कहां-कहां दिखाई देगा यह सूर्य ग्रहण
भारत में इस सूर्य ग्रहण को नहीं देखा जा सकेगा। इस सूर्य ग्रहण को पश्चिमी यूरोप, अटलांटिक, आर्कटिक मेक्सिको, उत्तरी अमेरिका , कनाडा, मध्य अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, इंग्लैंड के उत्तर पश्चिम क्षेत्र में और आयरलैंड में दिखाई देगा।
सूर्य ग्रहण का राशियों पर पड़ने वाला प्रभाव
08 अप्रैल को लगने वाला सूर्य ग्रहण का प्रभाव 12 राशियों के जातकों के ऊपर अवश्य ही पड़ेगा। ज्योतिष शास्त्र की गणना के मुताबिक मेष, वृश्चिक, कन्या, कुंभ और धनु राशि के जातकों के लिए सूर्य ग्रहण अच्छा नहीं कहा जा सकता है। इन राशि के जातकों को नौकरी, व्यापार और कार्यक्षेत्र में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। वहीं दूसरी तरफ वृषभ, मिथुन, कर्क और सिंह राशि के जातकों के लिए यह ग्रहण शुभ साबित हो सकता है।
सूर्य ग्रहण का सूतक काल
भारत में इस सूर्य ग्रहण को नहीं देखा जा सकेगा, इस कारण से इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा। धार्मिक नजरिए से सूतक को शुभ नहीं माना जाता है। सूर्य ग्रहण पर ग्रहण के शुरू होने के 12 घंटे पहले सूतक काल लग जाता है। सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य और राहु दोनों ही रेवती नक्षत्र में मौजूद होंगे।