Hindi News 18 :- राजस्थान में नई सरकार चुने जाने के साथ ही सीएम भजनलाल शर्मा के सामने बड़ी चुनौती थी| यह चुनौती थी आगामी लोकसभा चुनाव में सभी 25 सीटें जीतकर हैट्रिक लगाने की| लेकिन इस बार यह इतना आसान नहीं दिख रहा है| जहां देशभर में जारी क्षत्रिय समाज के विरोध का असर राजस्थान में दिख रहा है| वहीं, जाट समाज भी पूरी तरह से लामबंद होने की कोशिश में है|
भरतपुर में 13 अप्रैल को जाट महापंचायत हुई| जिसमे BJP को लोकसभा चुनाव हराने का निर्णय लिया गया| यह पंचायत डीग जिले की पेंघौर में चामड़ मंदिर पर हुई| जहां जाट समाज हमेशा ही पंचायत कर बड़े फैसले लेते आया है|
इस जाट महापंचायत में भरतपुर, डीग, करौली और धौलपुर जिले के जाट समाज के पंच पटेलों ने भाग लिया| इस पंचायत में BJP को लोकसभा चुनाव हराने के लिए जाट एकमत हुए| साथ ही भरतपुर से कांग्रेस की लोकसभा प्रत्याशी संजना जाटव को बुलाकर जाट महापंचायत में समर्थन दिया गया| साथ ही कहा गया कि कांग्रेस प्रत्याशी संजना जाटव अब जाट समाज की तरफ से प्रत्याशी घोषित की जाती है|
BJP के खिलाफ जाट महापंचायत होने होने की 3 वजह
एक तरफ तो भरतपुर, डीग और धौलपुर जिलों में आरक्षण नहीं मिलने से जाट समाज नाराज है| जिसके लिए गंगाजल अभियान भी चला रखा है|
दूसरी तरफ, आरोप लगाए जा रहे हैं कि ऑपरेशन गंगाजल से बौखलाकर BJP सरकार जाट समाज के लोगों को टारगेट कर रही है|
तीसरी वजह यह है कि जाट समाज के एक व्यक्ति पर BJP नेताओं ने उस समय हमला कर दिया, जब सभा में BJP प्रत्याशी रामस्वरूप कोली से विकास के मुद्दे पर सवाल पूछा गया| जिसके बाद इस मामले में पुलिस ने पीड़ित की शिकायत तक दर्ज नहीं की| इन्हीं बातों के चलते जाट समाझ ने मोर्चा खोल दिया है|
बता दें कि भरतपुर लोकसभा सीट पर सबसे ज्यादा मतदाता जाट है, जिनकी तादाद करीब 6 लाख है| ऐसे में चुनाव के दौरान जाट किसी प्रत्याशी की जीत और हार के लिए निर्णायक होते हैं|